चारों ओर बिछी हुई बर्फ की सफेद चादर, देवदार तथा चीड़ के पेड़ों से गिरते बर्फ के टुकड़े सच में यहाँ आने वालों को नई दुनिया का आभास देते हैं। जिधर नजर दौड़ाएँ, बस बर्फ ही बर्फ दिखती है और उस पर दिखते हैं बर्फ के खेलों का आनंद उठाते हुए लोग जो देश के विभिन्न भागों से आते हैं।हर शख्स कह उठता है : 'अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है।'
अब जबकि वादी बर्फ की चादर
ओढ़ चुकी है। चिनार के पेड़ सुर्ख हो चुके हैं। पहाड़ों पर शीन की चमक से लगता है जैसे
चाँदी का वर्क डाल दिया गया हो। वादी के इसी नजारे को तो जन्नत कहते हैं और जन्नत का
शौक रखने वालों के लिए यही माकूल समय होता है सैर करने का।
सबसे पहले बात करते हैं गुलमर्ग की। यह कश्मीर संभाग के बारामूला जिले में स्थित
है। यह श्रीनगर से 57 किलोमीटर की दूरी पर है। गुलमर्ग में स्कीइंग,
गोल्फ कोर्स, विश्व की सबसे ऊँची केबल कार है।
हमने इससे पहले सपने में भी इतनी खूबसूरत जगह नहीं देखी थी । ऐसा लगk हम किसी और दुनिया में आ गए हैं।
हमने इससे पहले सपने में भी इतनी खूबसूरत जगह नहीं देखी थी । ऐसा लगk हम किसी और दुनिया में आ गए हैं।
पहलगाम को बॉलीवुड के कारण पहचान मिली है क्योंकि इसके आसपास स्थित
अरू वैली तथा बेताव वैली में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है और अमरनाथ की यात्रा
का परंपरागत रास्ता भी यहीं से है। लिद्दर नदी के दोनों ओर बसे पहलगाम की सुंदरता अपनी
मिसाल आप है। यहाँ पर घुड़सवारी, ट्रैकिंग, गोल्फ, फिशिंग आदि की पूरी सुविधा है।
कहते हैं पहाड़ों वाली माता वैष्णो देवी सबकी मुरादें पूरी करती हैं। उसके दरबार में जो कोई सच्चे दिल से जाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है। ऐसा ही सच्चा दरबार है- माता वैष्णो देवी का।
कहते हैं पहाड़ों वाली माता वैष्णो देवी सबकी मुरादें पूरी करती हैं। उसके दरबार में जो कोई सच्चे दिल से जाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है। ऐसा ही सच्चा दरबार है- माता वैष्णो देवी का।
माता का बुलावा
आने पर भक्त किसी न किसी बहाने से दरबार पहुँच जाता है। हसीन वादियों में त्रिकूट पर्वत
पर गुफा में विराजित माता वैष्णो देवी का स्थान हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है,
जहाँ दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए आते हैं।
माँ वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत कटरा से होती है। अधिकांश यात्री यहाँ विश्राम करके अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। माँ के दर्शन के लिए रातभर यात्रियों की चढ़ाई का सिलसिला चलता रहता है। कटरा से ही माता के दर्शन के लिए नि:शुल्क 'यात्रा पर्ची' मिलती है।
माँ वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत कटरा से होती है। अधिकांश यात्री यहाँ विश्राम करके अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। माँ के दर्शन के लिए रातभर यात्रियों की चढ़ाई का सिलसिला चलता रहता है। कटरा से ही माता के दर्शन के लिए नि:शुल्क 'यात्रा पर्ची' मिलती है।
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